Shodashi - An Overview

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पद्माक्षी हेमवर्णा मुररिपुदयिता शेवधिः सम्पदां या

इस सृष्टि का आधारभूत क्या है और किसमें इसका लय होता है? किस उपाय से यह सामान्य मानव इस संसार रूपी सागर में अपनी इच्छाओं को कामनाओं को पूर्ण कर सकता है?

Goddess is commonly depicted as sitting down within the petals of lotus which is held about the horizontal physique of Lord Shiva.

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देवीं मन्त्रमयीं नौमि मातृकापीठरूपिणीम् ॥१॥

Goddess Shodashi is frequently connected with natural beauty, and chanting her mantra inspires internal beauty and self-acceptance. This reward encourages people today to embrace their reliable selves and cultivate self-self-assurance, supporting them radiate positivity and grace of their every day life.

यह शक्ति वास्तव में त्रिशक्ति स्वरूपा है। षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कितनी महान साधना है। इसके बारे में ‘वामकेश्वर तंत्र’ में लिखा है जो व्यक्ति यह साधना जिस मनोभाव से करता है, उसका वह मनोभाव पूर्ण होता है। काम की इच्छा रखने वाला व्यक्ति पूर्ण शक्ति प्राप्त करता है, धन की इच्छा रखने वाला पूर्ण धन प्राप्त करता है, विद्या की इच्छा रखने वाला विद्या प्राप्त करता है, यश की इच्छा रखने वाला यश प्राप्त करता है, पुत्र की इच्छा रखने वाला पुत्र प्राप्त करता है, कन्या श्रेष्ठ पति को प्राप्त करती है, इसकी साधना से मूर्ख भी ज्ञान प्राप्त करता है, हीन भी गति प्राप्त करता है।

संरक्षार्थमुपागताऽभिरसकृन्नित्याभिधाभिर्मुदा ।

दुष्टानां दानवानां मदभरहरणा दुःखहन्त्री बुधानां

Her beauty is actually a gateway to spiritual awakening, making her an object of meditation and veneration for those seeking to transcend worldly wishes.

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥५॥

The essence of such activities lies in the unity and shared devotion they encourage, transcending specific worship to create a collective spiritual ambiance.

इसके अलावा त्रिपुरसुंदरी देवी अपने नाना रूपों में भारत के विभिन्न प्रान्तों में पूजी जाती हैं। वाराणसी में राज-राजेश्वरी मंदिर विद्यमान हैं, जहाँ देवी राज राजेश्वरी(तीनों लोकों की रानी) के रूप में पूजी जाती हैं। कामाक्षी स्वरूप में देवी तमिलनाडु के कांचीपुरम में पूजी जाती हैं। मीनाक्षी स्वरूप में देवी का विशाल भव्य मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में हैं। बंगाल के हुगली जिले में बाँसबेरिया नामक स्थान में देवी हंशेश्वरी षोडशी (षोडशी महाविद्या) नाम से पूजित हैं।

Reply ray February 26, 2021 Hi sharma, Is more info that this feasible to find out where by did you uncovered that particular shodashi mantra, mainly because it is totally different from unique and that is longer.

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